‘Water dialogue’ completed in the presence of Jalrishi Swami Chidanand Saraswati and Vanaushadhi Vaigyani Acharya Balkrishna.

कृषिजीवी सम्मान से सम्मानित हुए कृषि कर्मयोगी

नई दिल्ली प्रेस क्लब आफ इंडिया के भव्य सभागार में ‘ कृषिजीवी ‘ सम्मान से सम्मानित हुए कृषि कर्मयोगी , 23/12/21 को ‘ जल संवाद’ के साथ संपन्न हुआ।
परंपरागत जल संरक्षण पर बोलते हुए स्वामी चिदानंद सरस्वती जी ने जल तत्व की महत्ता का बखान करते हुए कृषिजीवियों को संबोधित करते हुए कहा , जल है तो कल है । समस्त प्राणी , जीव जंतु और खेत बिना जल के अस्तित्वहीन हैं । हमारी परंपरा ने हमे मेड़बनन्दी के माध्यम से खेतों को जीवंत बनाये रखने का मंत्र दिया है । इस पद्धति का अधिक से अधिक प्रचार प्रसार होना चाहिए ।

स्वामी जी ने कहा कि हमें अपने बल को सम्बल बनाना है , हमें सामुदायिक सहयोग के माध्यम से खेतों को खुशहाल बनाना है । आचार्य बालकृष्ण ने खेत पर मेड़, मेड़ पर पेड़ के संदर्भ में कहा , हमे मेड़ पर हल्के और कम छायादार पेड़ लगाना है । ऐसे पेड़ जो अपने फलों से किसान की आय बढ़ाएं और खेतों के लिए संजीवनी बने । औषधीय पेड़ मेड़ के लिए और किसान के लिए काफी हितकारी हैं ।
पूर्व जल सचिव , यू पी सिंह ने कहा , “मैं जलतीर्थ जखनी देख आया हूं , वहॉं के कर्मठ लोगों के सामूहिक प्रयास का ही परिणाम है कि आज देश दुनिया में जल संरक्षण के लिए जखनी मॉडल का नाम गूँज रहा है । जलग्राम जखनी के उमाशंकर पांडेय के कर्मठ प्रयासों के कारण ही भारत सरकार ने उन्हें ‘ जलयोद्धा ‘ के सम्मान से पुरस्कृत किया है।” नीति आयोग के अविनाश मिश्रा ने कहा कि जखनी के लोगों का सामूहिक प्रयास ही उनका सफलता मंत्र हैं । डॉ विश्वपति त्रिवेदी ने सब का आभार व्यक्त करते हुए कहा , लोग सरकार के मुखापेक्षी बने रहते हैं पर हमारे ‘ जलयोद्धा ने ‘ सरकार को नही बल्कि सरोकार को अपना आराध्य माना , यह सफलता इसी जमीनी सोच का परिणाम है।

Umashankar Pandey (in front) with Jakhani villagers

देश के विभिन्न अंचलों से आये कृषि योगियों ने अपने क्षेत्र की समस्याओं के साथ अपनी सफलता की दास्तान सुनाई । इंद्रमोहन अग्रवाल ने एकल अभियान के माध्यम से जल संवाद को गाँव गाँव तक ले जाने का लक्ष्य रखा।
नीति आयोग के सलाहकार अविनाश मिश्रा जी ने जल की उपयोगिता के बारे में बताया। विश्वपति त्रिवेदी ने कार्यक्रम को गाँव गाँव तक ले जाने का आग्रह किया। कार्यक्रम के निदेशक टिल्लन रिछारिया ने इस कार्यक्रम के आयोजन के प्रयोजन के बारे में बताया और लोकेश शर्मा ने मंच से कार्यक्रम का संचालन किया।

Endian Ankit Tiwari

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